छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया... छिड़ी एक जंग जो राजा संभाल ना पाया... अपनी प्यारी मोहब्बत को बचा ना पाया...
"ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही। "ख़ामोशी एक ज़ुबा" जो समझ सकता कोई,तो शायद ये दिल ना, रोता अकेले बैठ यूँ ही।
फिर ओस की बूंदे बिखर रही चहुँ ओर कुहासा छाया है..पर मिलने तुम नही आई फिर ओस की बूंदे बिखर रही चहुँ ओर कुहासा छाया है..पर मिलने तुम नही आई
श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित अतिथि कुश का पुत्र हुआ। श्री शुकदेव जी कहते हैं, परीक्षित अतिथि कुश का पुत्र हुआ।
राजा जिसका नाम रहूगण पालकी में कहीं जा रहा था! राजा जिसका नाम रहूगण पालकी में कहीं जा रहा था!
कहानी जो आज भी जीवंत है कहानी जो आज भी जीवंत है